इटावा शहर के पुराने मोहल्लों में शुमार लालपुरा में तीन मंजिल के मकान में मुकेश के चार भाइयों का परिवार रहता है। लगभग 15 कमरों में परिवार के 14 सदस्य रविवार की रात सोए थे। सुबह तक मुकेश ने पत्नी, तीन बच्चों समेत चार लोगों की नींद की गोली खिलाकर और रस्सी से गला कसकर हत्या भी कर दी, लेकिन किसी को कानों-कान खबर नहीं हो सकी। शव लगभग 15 घंटे तक घरों में पड़े, फिर भी यह बात खुलकर सामने नहीं आई।
अपनी दूसरी पत्नी रेखा, बेटी भाव्या, काव्या और बेटे अभीष्ट को नींद की गोलियां देकर और सभी का गला कसकर हत्या करने वाले मुकेश वर्मा का लालपुरा में पैतृक आवास है। यह आवास भूतल को मिलाकर तीन मंजिल का बना हुआ है।
इसमें लगभग 15 कमरे हैं। इनमें मुकेश के परिवार के पांच सदस्य, भाई अवधेश और उसकी पत्नी अन्नपूणा, अखिलेश के परिवार के चार सदस्य और सबसे छोटे भाई रघुवेश जिनकी मृत्यु हो चुकी है, उनकी पत्नी और दो बच्चों समेत कुल 14 लोग रहते थे।
रविवार रात का सामान्य था सबकुछ
नीचे के तल पर लगभग दो कमरे बंद रहते हैं। एक कमरा बैठक है और एक कमरे में मुकेश रहते थे। ऊपर की दो मंजिलों में से पहली मंजिल पर एक कमरे में मुकेश का परिवार रहता था व अन्य परिवारों के सदस्य बचे हुए कमरों में रह रहे थे। मुकेश के भाई अखिलेश ने बताया कि रविवार रात का सबकुछ सामान्य था।
सभी सदस्यों ने घर में एक साथ की थी पूजा
इच्छा नवमी होने की वजह से परिवार के सभी सदस्यों ने घर में एक साथ पूजा अर्चना की थी। मुकेश और उनकी पत्नी की ओर से इस तरह की कोई बात नहीं कही गई। पूजा अर्चन के बाद सभी रात में रोज की तरह सोने चले गए थे। किसी को भी ऐसा कुछ होने का अहसास नहीं हुआ था।
शाम को भतीजे और भाई की दुकान पर भी गया था
मुकेश के बड़े भाई राकेश के बेटे शरद की राजागंज चौराहे पर सराफ की दुकान है। राकेश के अनुसार, रविवार शाम लगभग चार बजे मुकेश शरद की दुकान की ओर से निकल रहा था, शरद ने बाहर आकर मुकेश से अंदर आने की बात भी कही पर शरद से बाद में आने की बात कहकर निकल गए। इसके बाद राजगंज चौराहे पर स्थित राजागंज चौराहे पर मुकेश छोटे भाई अवधेश की दुकान पर गया। इस दौरान मुकेश से उनके परिवार को लेकर कोई बात नहीं हुई।