बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का कल यानी 22 नवंबर से आगाज होगा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में खेले जाने वाले पहले टेस्ट मैच में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह भारतीय टीम की कप्तानी करते नजर आएंगे। इस मैच में जसप्रीत बुमराह का मुकाबला तेज गेंदबाज पैट कमिंस की कप्तानी वाली मजबूत ऑस्ट्रेलिया से होगा। इस तरह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में छठी बार ऐसा होगा जब 2 तेज गेंदबाज एक ही टेस्ट मैच में कप्तानी करते दिखाई देंगे।
भारतीय टीम को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में अपनी जगह पक्की करने के लिए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के 5 मैचों में कम से कम 4 मैच जीतने होंगे। ऐसे में जसप्रीत बुमराह के कंधों पर ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को आउट करने का सबसे ज्यादा दारोमदार होगा। अगर बुमराह की शानदार फॉर्म ऑस्ट्रेलिया में भी जारी रहती है तो वह कई बड़े कीर्तिमान अपने नाम कर सकते हैं।
जसप्रीत बुमराह रचेंगे इतिहास
दरअसल, ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन काफी शानदार रहा है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में 7 टेस्ट मैचों की 14 पारियों में 21.25 की औसत से 32 विकेट झटके हैं। अगर वह पर्थ में खेले जाने वाले पहले टेस्ट मैच में 3 विकेट लेने में कामयाब रहते हैं तो वह दिग्गज भारतीय स्पिनर बिशन सिंह बेदी को पीछे छोड़ते हुए ऑस्ट्रेलिया में चौथे सबसे सफल भारतीय गेंदबाज बन जाएंगे। बुमराह के पास आर अश्विन को भी पछाड़ने का शानदार मौका होगा। ऑस्ट्रेलिया में अश्विन भारत की ओर से टेस्ट में तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। अश्विन को पछाड़ने के लिए बुमराह को 7 विकेट की जरूरत है। हालांकि अश्विन अगर विकेट चटकाने में कामयाब रहते हैं तो फिर बुमराह को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।
अश्विन के पास भी गोल्डन चांस
दूसरी तरफ अश्विन के पास भी अनिल कुंबले और कपिल देव को पीछे छोड़ने का शानदार मौका होगा। अश्विन के नाम ऑस्ट्रेलिया में 38 विकेट दर्ज हैं। कुंबले से आगे निकलने के लिए अश्विन को 12 विकेट की दरकार है। अगर ऐसा करने में वह सफल होते हैं तो वह ऑस्ट्रेलिया की धरती पर कपिल देव के बाद 50 विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बन जाएंगे।
ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज
- 51 – कपिल देव
- 49 – अनिल कुंबले
- 38 – आर अश्विन
- 35 – बिशन सिंह बेदी
- 32 – जसप्रीत बुमराह