लखनऊ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शामली में बदमाशों के साथ एनकाउंटर शहीद यूपी एसटीएफ के जांबाज इंस्पेक्टर सुनील कुमार को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिवार के लिए कई घोषणाएं की हैं। सीएम ने शहीद सुनील कुमार के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है।इसके साथ ही सुनील कुमार के गृह जनपद मेरठ की एक सड़़क का नामकरण भी शहीद सुनील कुमार के नाम पर किया जाएगा।
सीएम योगी ने शहीद सुनील कुमार के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि शोक की इस घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ है। प्रदेश सरकार द्वारा शहीद के परिवार को हर सम्भव मदद प्रदान की जाएगी।
बता दें कि सोमवार की देर रात एक लाख के इनामी समेत चार बदमाशों की सूचना मिलने पर इंस्पेक्टर सुनील कुमार समेत एसटीएफ के अन्य जवानों ने घेरेबंदी की थी। इसी दौरान एक कार को रोकने पर फायरिंग शुरू हो गई। इंस्पेक्टर सुनील कुमार को इस दौरान तीन गोलियां लग गईं। गोली लगने के बाद भी सुनील कुमार ने हिम्मत नहीं हारी और एके-47 से बदमाशों पर जवाबी फायरिंग करते हुए चार खूंखार बदमाशों को ढेर कर दिया। गंभीर रूप से घायल इंस्पेक्टर को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल पहुंचाया गया। जहां बुधवार की दोपहर उन्होंने दम तोड़ दिया। बताया गया कि पेट में लगी तीन गोलियों के कारण उनका लीवर बुरी तरह डैमेज हो गया था।इस बार भी कग्गा गैंग से हुई मुठभेड़ में इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने अरशद को मार गिराया। हालांकि बदमाशों की गोली लगने के कारण वह शहीद हो गए।
52 वर्षीय इंस्पेक्टर सुनील कुमार पुत्र स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह मेरठ के इंचौली थाना क्षेत्र के गांव मसूरी के रहने वाले थे। परिवार में इनकी मां अतरकली देवी, बड़े भाई अनिल कुमार चौधरी, पत्नी मुनेश देवी, बेटी नेहा और बेटा मंजीत काकरान हैं।सुनील कुमार काफी शालीन थे और यूपी पुलिस में सिपाही पद पर वर्ष एक सितंबर 1990 में भर्ती हुए थे। 9 अगस्त 2002 को हेड कांस्टेबल पद पर प्रमोशन हुआ था। इसके बाद 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा, 47 वीं वाहिनी पीएसी गाजियाबाद, 9वीं वाहिनी पीएसी मुरादाबाद में रहे।
सुनील कुमार एक जनवरी 2009 में एसटीएफ ज्वाइन की थी। इससे पहले 19 मार्च 2008 को जनपद फतेहपुर में दस्यु ओमप्रकाश उर्फ उमर केवट के एनकाउंटर में भी शामिल रहे थे। इसके चलते वर्ष 2011 में सुनील कुमार को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर सब इंस्पेक्टर बनाया गया था। 22 अप्रैल 2020 को सुनील कुमार इंस्पेक्टर बने थे। सुनील कुमार को एसटीएफ में रहने के दौरान वर्ष 2015 में शौर्य के आधार पर सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह, वर्ष 2022 में उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह, वर्ष 2024 में पुलिस महानिदेशक का प्रशंसा चिन्ह-रजत पदक और गृह मंत्रालय भारत सरकार का अति उत्कृष्ट सेवा पदक दिया गया।
इन एनकाउंटर में रहे शामिल
उमर केवट एनकाउंटर : 19 मार्च 2008 को फतेहपुर में ओमप्रकाश उर्फ उमर केवट के एनकाउंटर में शामिल रहे थे।
आदेश बालियान एनकाउंटर : 24 जून 2019 में सवा लाख के इनामी आदेश बालियान को ढेर किया था।
अनिल दुजाना एनकाउंटर : 4 मई 2023 को अनिल दुजाना का मेरठ के जानी में एनकाउंटर में ढेर हुआ।
सोनू मटका एनकाउंटर : 14 दिसंबर 2024 को मेरठ के टीपीनगर में हाशिम बाबा गैंग के शूटर सोनू मटका को मार गिराया।
अरशद एनकाउंटर : 20 जनवरी 2025 को शामली में कग्गा गैंग के अरशद और तीन साथियों को एनकाउंटर में ढेर किया।
बड़ी गिरफ्तारियां भी की
30 मई 2024 में लोनी बार्डर गाजियाबाद से 50 हजार का इनामी राहुल उर्फ रामबाबू गिरफ्तार किया।
10 जनवरी 2024 को आईएसआई से जुड़े शामली के तहसीम मोटा को दबोचा था।
15 सितंबर 2023 को 50 हजार के इनामी सनी काकरान के शूटर रवि को दबोचा था।
13 सितंबर 2022 को 50 हजार के इनामी नजाकत तांत्रिक की गिरफ्तार किया था।
14 जनवरी 2022 को पल्लवपुरम मेरठ में 50 हजारी अपराधी दीपक चौधरी को गिरफ्तार किया।
8 अक्टूबर 2021 को सोनीपत-पानीपत के मुकदमों के वांटेड 50 हजारी नवीन उर्फ छोटू को पकड़ा।
13 अगस्त 2021 को डकैती के आरोपी एक लाख के इनामी आस मोहम्मद निवासी सरधना को दबोचा।
18 नवंबर 2020 को 50 हजारी कपिल उर्फ सर्रा को गिरफ्तार किया था।
20 जुलाई 2020 को बैंक डकैती के आरोपी 50 हजारी संदीप उर्फ सम्राट को पकड़ा था।