हाथरस में 22 फरवरी को एक दो पहिया वाहन पर सवार तीन छात्राओं सहित कुल चार लोगों की मौत के बाद भी लोग लापरवाही से बाज नहीं आ रहे। वहीं, पुलिस की ओर से न इनको टोका जा रहा है, न रोका जा रहा है। 23 फरवरी को पूरे दिन एक-एक दोपहिया वाहन तीन से चार लोग धड़ल्ले से फर्राटा भरते दिखाई दिए। दोपहर करीब एक बज कर दस मिनट पर अलीगढ़-आगरा रोड पर 22 मिनट में तीन व चार सवारियां लेकर चलने वाले कुल 29 दाेपहिया वाहन दिखाई दिए। इनमें से एक भी रोका नहीं गया।
22 फरवरी की घटना के बाद 23 फरवरी को भी शहर के प्रमुख मार्गों पर दो पहिया वाहन चालक तीन व चार सवारियां लेकर दौड़ते दिखाई दिए। चार लोगों की मौत के बाद भी पुलिस पर इसका कोई असर होता दिखाई नहीं दिया। शहर के चौराहों पर पुलिस की आंखों के सामने लोग तीन व चार सवारियां लेकर आते-जाते रहे। इनको रोकने के लिए कोई पुलिसकर्मी आगे आता दिखाई नहीं दिया।
सीट बेल्ट, बिना हेलमेट, दोपहिया में तीन या चार सवारी लेकर चलने वालों पर सबसे अधिक कार्रवाई की गई है। एक माह में औसतन करीब साढ़े चार हजार वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है। वाहन चालकों और उसमें सवार होने वाले लोगों को भी सफर को गंभीरता से लेना चाहिए।-सुभाष यादव, टीएसआई, हाथरस।