Agra Police Operation: आगरा के गणेश विहार कॉलोनी मघटई (जगदीशपुरा) के अमन और फारुख ने लूट की फुलप्रूफ प्लानिंग की थी। 15 दिन से श्री बालाजी ज्वेलर्स की रेकी कर रहे थे। लूट के लिए सराफ के शोरूम पर पहुंचने से पहले का समय चुना था। सराफ के आने पर हत्या कर फरार हो गए। पुलिस के लिए उन्हें पकड़ना आसान नहीं था। बदमाशों ने रेकी की थी। सीसीटीवी कैमरों से बचते हुए पहुंचे थे। कैमरों से बचते हुए आए बदमाशों के फुटेज शोरूम के बाहर कैमरों में कैद हो गए। इससे ही पुलिस को सुराग मिले। पुलिस ने बदमाशों की धरपकड़ के लिए 90 घंटे दिन-रात एक कर दिए। नौ टीमें लगाई गई थीं। आधुनिक सर्विलांस की मदद से मंगलवार तड़के पुलिस को सफलता मिल गई।

2 मई की सुबह 11:15 बजे कारगिल स्थित शोरूम में लूट की वारदात हुई थी। जेवरात बैग में भरने के बाद सीढ़ियां उतरकर भाग रहे थे। सराफ योगेश चौधरी शोरूम के नीचे सीढ़ियों के पास पहुंचे। उनके पकड़ने पर गोली मारकर भाग गए थे। आक्रोशित व्यापारियों ने पुलिस को खुलासे के लिए 72 घंटे का समय दिया था।

पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने डीसीपी सिटी सोनम कुमार, एसीपी विनायक भोसले, एसीपी आदित्य सिंह, निरीक्षक नीरज शर्मा के नेतृत्व में नौ टीमों का गठन किया। हर पल टीमों की कार्रवाई की जानकारी लेते रहे। पुलिस ने सैकड़ों कैमरों को देखा। एक हजार से अधिक कैमरे देखने के बाद सुराग मिल पाए।

15 दिन से कर रहे थे कारगिल चौराहे के शोरूमों की रेकी
पुलिस की पूछताछ में सुमित ने बताया कि फारुख और अमन ने लूट की योजना बनाई थी। इसके लिए वह कारगिल चौराहे पर 15 दिन से आ रहे थे। इस दौरान दुकानों की रेकी की थी। श्री बालाजी ज्वेलर्स को भी कई बार देखा था। इसमें सेल्स गर्ल थी। मालिक शोरूम खुलने के कुछ देर बाद आते थे। गार्ड भी तैनात नहीं था। इससे उन्हें लगा कि शोरूम में आसानी से लूट हो जाएगी। सुमित को उसके दोस्त हेमंत ने एक साल पहले एक बाइक चलाने के लिए गिफ्ट में दी थी। अपना फोन भी इस्तेमाल के लिए दिया था। घटना वाले दिन फारुख, अमन और सुमित बाइक से निकले थे। शास्त्रीपुरम में जेसीबी चौराहे के पास सुमित बाइक से उतर गया। इसके बाद फारुख और अमन ने एक शराब के ठेके पर रुककर शराब भी पी।

बाइक को कुएं में फेंक आए थे
फारुख और अमन ने बाइक से आने के लिए गलियों का रास्ता चुना था, जिससे कैमरों में तस्वीर नहीं आए। वारदात के बाद भागने के लिए भी दहतोरा गांव का रास्ता चुना। शास्त्रीपुरम में सुमित उनका इंतजार कर रहा था। दोनों उसे बीच में बैठाकर घर के लिए चले गए थे। सुमित को बाइक सहित छोड़कर दोनों कहीं और भाग गए थे। उधर, सुमित ने हेमंत को घटना की जानकारी देकर बुलाया। बाइक से लूट और हत्या की घटना के बारे में पता चलने पर हेमंत घबरा गया था। वह गांव के पास बाइक को कुएं में फेंक आया था।