अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष एससीएसटी विजय राजे सिसौदिया ने वार्ड तीन से सपा के जिला पंचायत सदस्य महबूब अल्वी, उसके बेटे राजू उर्फ फरहाज व आदिल, भाई मतलूब को तीन साल की सजा सुनाई। साथ ही दो हजार रुपये अर्थदंड लगाया। अर्थदंड अदा नहीं करने पर एक माह की सजा बढ़ाने के आदेश दिए।
बरनावा गांव निवासी वाल्मिकी समाज के 96 गांवों के चौधरी सतीश वाल्मीकि ने 18 जून 2021 को बिनौली थाने में मुकदमा दर्ज कराया। सतीश ने आरोप लगाया कि गांव के जिला पंचायत सदस्य महबूब अल्वी, उसके बेटे राजू उर्फ फरहाज व आदिल, भाई मतलूब ने प्लॉट पर कब्जे के विवाद में जातिसूचक शब्दों से उसके साथ गाली-गलौज की।
इसका विरोध करने पर फायरिंग कर दी, उसने मकान की छत पर भागकर जान बचाई। विरोध करने पर उसकी पत्नी के साथ भी मारपीट की गई। इसके बाद जान से मारने की धमकी देते हुए हमलावर भाग गए। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जिला पंचायत सदस्य महबूब अल्वी, उसके बेटे राजू उर्फ फरहाज, आदिल, भाई मतलूब के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।
मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय विशेष एससीएसटी में हुई। शुक्रवार को सुनवाई पूरी होने पर न्यायाधीश विजय राजे सिसौदिया ने जिला पंचायत सदस्य समेत चारों पर दोष सिद्ध कर तीन साल की सजा सुनाई। इसके बाद चारों को जमानत दे दी गई। जबकि न्यायालय में अनुपस्थित रहे राजू उर्फ फरहाज अली और आदिल के गैर जमानती वारंट जारी कर दिए गए।
महबूब अल्वी की सदस्यता हो सकती है रद्द
जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि किसी सदस्य को तीन साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो उसकी सदस्यता रद्द हो सकती है। सदस्यता रद्द करने को लेकर प्रशासन व निर्वाचन आयोग फैसला करेगा।