संघर्ष, समर्पण, संकल्प और सफलता ही आत्मनिर्भरता के चार स्तंभ है। यही मूल मंत्र देकर दयालबाग कॉलेज में बीटेक छात्रों को पढ़ाने वाले प्रो. ऋषभ सत्संगी छात्रों के लिए मिसाल बने हैं। छात्रों की क्लासेज के बाद शाम को वो सड़क किनारे नींबू-सोडे, नींबू-पानी और शिकंजी की स्टॉल पर नजर आते हैं।
प्रो. ऋषभ ने बताया कि उन्हें पहले बाहर खाने की आदत थी और कॉलेज के बाद समय भी खाली रहता था। उसी खाली समय का सदुपयोग करने और बाहर खाने की आदत को बदलने के उद्देश्य से उन्होंने यह छोटा सा बिजनेस शुरू किया। उनका मानना है कि यदि समय का सही उपयोग किया जाए तो वह न सिर्फ व्यक्तिगत लाभ देता है, बल्कि समाज के लिए भी एक मिसाल बन सकता है। वक्त का सदुपयोग ही जीवन की सच्ची पूंजी होती है।
स्टॉल पर लगती है भीड़
शाम 7 बजे से रात 11 बजे तक चलने वाले उनके स्टॉल पर नींबू पानी और सोडा पीने वालों की भीड़ लगी रहती है। उनके स्टॉल पर सबसे ज्यादा ग्राहक उनके अपने ही छात्र होते हैं। सोशल मीडिया पर भी उनकी खूब चर्चा हो रही है।
छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य
प्रो. ऋषभ ने बताया कि इस समय उनके साथ 3-4 लोग काम कर रहे हैं। शहर में पांच से छह जगह पर नींबू-सोडा की स्टॉल लगाने का प्लान है। टीम बनाकर शुरुआत करेंगे। इसके लिए लोगों को जोड़ना शुरू कर दिया है, इससे न सिर्फ काम आगे बढ़ेगा बल्कि युवा आत्मनिर्भर भी बनेंगे।