विश्वविद्यालय में आरक्षण की आवाज मुखर करने के लिए आरक्षण संघर्ष मोर्चा बनाया गया, जो पूरी ताकत से लड़ाई लड़ेगा। मोर्चा के सदस्यों ने एएमयू और सर सैयद को देश के विभाजन का जिम्मेदार ठहराया है। छात्र नेता अमित गोस्वामी ने कहा कि एएमयू में एससी-एसटी और पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को आरक्षण दिलाकर रहेंगे। छात्र नेता अर्जुन सिंह भोलू ने कहा कि एएमयू किसी विशेष धर्म की संस्था नहीं है। यह भारत के आम नागरिकों के टैक्स से संचालित संस्थान है। अगर एएमयू को अल्पसंख्यक स्वरूप मिलता है तो एससी-एसटी व पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को आरक्षण भी नहीं मिल पाएगा।
छात्रनेता बल्देव चौधरी और जय यादव ने कहा कि सर सैयद और एएमयू भारत के विभाजन के जिम्मेदार हैं। हिंदू छात्र नेताओं ने इसे देशव्यापी अभियान बनाने का ऐलान किया है। आरक्षण की मांग को लेकर 26 नवंबर को एएमयू सर्किल पर दो हजार हिंदू छात्र जुटेंगे। छात्र नेता संजू बजाज ने कहा कि किसी कीमत पर एएमयू को मजहबी अड्डा नहीं बनने देंगे।
सर सैयद अहमद की मृत्यु 1898 में हो गई थी। उस समय देश विभाजन की कोई बात नहीं थी। हालांकि, इस मसले पर इतिहासकारों ने कई किताबें लिखी हैं। इसलिए विभाजन को लेकर दो वाक्यों में टिप्पणी नहीं कही जा सकती। न ही उसके मूल तत्व को समझा जा सकता है। – प्रो. आसिम सिद्दीकी, प्रभारी, जनसंपर्क कार्यालय, एएमयू